समाज की ये कैसी कुरीतियां हैं लक्ष्मी का मान दिया बेटियों को शास्त्रों ने उसी लक्ष्मी स्वरुप बेटी ... समाज की ये कैसी कुरीतियां हैं लक्ष्मी का मान दिया बेटियों को शास्त्रों ने उसी ...
शोले की स्याही मे सत्ता की सूरत, समझे सयाने, नासमझे मूरख। शोले की स्याही मे सत्ता की सूरत, समझे सयाने, नासमझे मूरख।
विजय सत्य की हुइ है हमेशा बुराई हमेशा हारी है आया है दशहरा। विजय सत्य की हुइ है हमेशा बुराई हमेशा हारी है आया है दशहरा।
उसी पिता की टूटती कमर को देख कैसे खुश रहे वह सुबह शाम ये कैसा कन्यादान उसी पिता की टूटती कमर को देख कैसे खुश रहे वह सुबह शाम ये कैसा कन्यादान
जग गया अब अभिमान है मेरा, हर अत्याचार के विरूद्ध आवाज उठाना है। जग गया अब अभिमान है मेरा, हर अत्याचार के विरूद्ध आवाज उठाना है।