सहर में जब तू लेता अंगड़ाई ओ मिरे सनम, तुझे चूमने फ़लक से उतर आता है आफ़ताब। सहर में जब तू लेता अंगड़ाई ओ मिरे सनम, तुझे चूमने फ़लक से उतर आता है आफ़ताब।
भूल न जाना उन ख़ुशियों को ग़म के अँधेरे में। भूल न जाना उन ख़ुशियों को ग़म के अँधेरे में।
जलता है ज़माना, दोस्त मेरा सबसे नायाब है, सर झुका दे हर कोई, ऐसा उसका रुआब है। जलता है ज़माना, दोस्त मेरा सबसे नायाब है, सर झुका दे हर कोई, ऐसा उसका रुआब ह...
ग़ज़ल पढ़कर ये ना कहना, कि 'ज़ोया' तो जज़्बाती है। ग़ज़ल पढ़कर ये ना कहना, कि 'ज़ोया' तो जज़्बाती है।
इश्क़ में नहीं निभा सके वो वादा-ए-मोहब्बत इश्क़ में नहीं निभा सके वो वादा-ए-मोहब्बत
हमनें तो हरदम उसके ज़ख़्म पर मरहम ही लगाया है। हमनें तो हरदम उसके ज़ख़्म पर मरहम ही लगाया है।