I'm Onkar and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsमेरी लिखावट मुझे बयां करती है तुम समझ सको यह जरूरी नहीं मेरी राह ही कुछ अजीब है सीधे रस्ते की यह टेढ़ी चाल है समझ सको तो समझ लो यह सीधी बात है
स्वभाव मे पाणी जैसे साधगी हो, की लोगो को आप के होणे का ऐहसास भले ना हो , पर आप के ना होणे से उनका वजूद ही ना हो |