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दुलारी बैसाखी के सहारे बेटे बहु के साथ वार्ड में जैसे ही पहुँची। दोनों पैरों में प्लास्टर लगे बेड पर... दुलारी बैसाखी के सहारे बेटे बहु के साथ वार्ड में जैसे ही पहुँची। दोनों पैरों में...
ज़िन्दगी बिताने के लिए ेल हमसफ़र की जरूरत होती है ,कभी कभी कुछ रिश्ते वक़्त के साथ बदलते भी है। ... ज़िन्दगी बिताने के लिए ेल हमसफ़र की जरूरत होती है ,कभी कभी कुछ रिश्ते वक़्त के साथ...
"अगर नहीं भागती तो कईयों की तरह मेरे जिस्म की भी ख़रीद बिक्री शुरू हो जाती।" तभी अनाउंसमेंट हुई "अगर नहीं भागती तो कईयों की तरह मेरे जिस्म की भी ख़रीद बिक्री शुरू हो जाती।" तभ...
फिर लिखना शुरू कर किया..."लघुकथा; स्वरूप,दशा और दिशा ! फिर लिखना शुरू कर किया..."लघुकथा; स्वरूप,दशा और दिशा !