हिंदी कवितायेँ मुक्तक और लघु कथा लिखना मेरा शौक है .एडिटिंग और ट्रांसलेशन मे दिलचस्पी है
क्योंकि मैं मुलाकात इन्सान से करना पसंद करती हूँ ओहदे से नहीं। क्योंकि मैं मुलाकात इन्सान से करना पसंद करती हूँ ओहदे से नहीं।
तो वो तुम्हारे साथ ही चाहती हूं सिर्फ तुम्हारे साथ। तो वो तुम्हारे साथ ही चाहती हूं सिर्फ तुम्हारे साथ।
लगता है जैसे उन्होंने गुनाह कर दिया लगता है जैसे उन्होंने गुनाह कर दिया
नींबू निचोड़ती सोचूं हूँ मेरी भी य ही दशा हो री ह नींबू निचोड़ती सोचूं हूँ मेरी भी य ही दशा हो री ह
कई बार हम धुंधला सा कोई स्वप्न देखते हैं पर स्वप्न में क्या घटित हुआ ये महसूस कर कई बार हम धुंधला सा कोई स्वप्न देखते हैं पर स्वप्न में क्या घटित हुआ ...
ये औरतें ये औरतें
बूढ़े बाप का सपना बीवी का अरमान बच्चों का ख़्वाब बहनों का आशीर्वाद लगा है बूढ़े बाप का सपना बीवी का अरमान बच्चों का ख़्वाब बहनों का आशीर्वाद लगा...
पर मैं टूटी नहीं बिखरी नहीं ख़ुद को समेटा अपनी दरारों को भर तो न पाई पर उन्हें इस तरह पर मैं टूटी नहीं बिखरी नहीं ख़ुद को समेटा अपनी दरारों को भर तो न पाई पर उन्...
हर बार लगातार सारी परिस्थियों में ख़ुद को दोषरहित बताते हुए साफ़ बचा लेते हो !! हर बार लगातार सारी परिस्थियों में ख़ुद को दोषरहित बताते हुए साफ़ बचा लेते हो !...
बल्कि ये इसलिए करती हूँ क्योंकि मैं तुमसे बेइन्तहा प्यार करती हूँ। बल्कि ये इसलिए करती हूँ क्योंकि मैं तुमसे बेइन्तहा प्यार करती हूँ।