Engineer by education. A remote sensing analyst. A full time poet. Emotional at heart. My surroundings can bring either smile on my face or tear in my eyes. Trying to put those emotions in the form of words. This is my passion for poetry writing
Share with friendsहुक्मरानों को क्या पता अंतर मौसम बदलने का, ये तो वो समझते हैं जो कभी सर्दी से तो कभी गर्मी से मरते हैं।
श्रृंगार भी जब मैं लिखूँ रस वीर तुम भरना, जीना मेरा भारत पे हो भारत पे हो मरना| भगवान मेरे मन में छवि भारत की ही दे दो, भारत ही मेरा प्रेम ही भारत ही हो गहना।
अनकहे लफ़्ज़ों को सुनने की कोशिश कर रहा हूँ, सन्नाटे की आवाज़ से गीत बुनने की कोशिश कर रहा हूँ, ना सुलझेंगी ये कवायद तेरे मेरे बीच में, मिट्टी का ढेर हूँ चाँद छूने की कोशिश कर रहा हूँ।
ठोकरें खाकर सम्हलने का मज़ा कुछ और है, राहों में भटककर मंज़िल को पाने का मज़ा कुछ और है, मयखाने के बाहर झूमते हैं सब छलकते पैमाने के साथ, खाली पैमाने के साथ झूमने का मज़ा कुछ और है।।