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एक अजनबी... एक अजनबी...
आज भी प्रखर दिल्ली उसी ट्रेन से जाता है कि शायद वो फिर टकरा जाए पर किस्मत को शायद मंजूर नहीं। आज भी प्रखर दिल्ली उसी ट्रेन से जाता है कि शायद वो फिर टकरा जाए पर किस्मत को शाय...