आशिता शर्मा खुद एक कल्पना है|बनना तो इन्हें C.A. था लेकिन मुमकिन ना हो सका डिग्री के नाते वो ग्रेजुएट है और अकाउंटेंट के रूप में काम करती है|अपने ऑफिस के खाली वक़्त में अल्फाजों में रंग भरने की कोशिश करती है वो अल्फ़ाज़ जो उसके सपने है और जिन्हे वो सबको बताना चाहती है|इन्होने स्कूलिंग अलवर से की... Read more
आशिता शर्मा खुद एक कल्पना है|बनना तो इन्हें C.A. था लेकिन मुमकिन ना हो सका डिग्री के नाते वो ग्रेजुएट है और अकाउंटेंट के रूप में काम करती है|अपने ऑफिस के खाली वक़्त में अल्फाजों में रंग भरने की कोशिश करती है वो अल्फ़ाज़ जो उसके सपने है और जिन्हे वो सबको बताना चाहती है|इन्होने स्कूलिंग अलवर से की है|अभी वो जयपुर में रहती है| Read less