I'm Prem and I love to read StoryMirror contents.
लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं लकीरें हाथ में जो हैं, पुरानी हैं
रुकना नहीं मुझे भले याँ छाँव घनी है रुकना नहीं मुझे भले याँ छाँव घनी है
मुआफ़िक रबड़ के खिंच कर सुबह जो, शाम होती है मुआफ़िक रबड़ के खिंच कर सुबह जो, शाम होती है
गुज़र कर लें किफ़ायत से, समझदारों की बातें हैं गुज़र कर लें किफ़ायत से, समझदारों की बातें हैं