Hindi Poet and Author
शीघ्र ही हमें भवन के बरामदे में बुला कर अतिथि की औपचारिकता पूरी की गई। शीघ्र ही हमें भवन के बरामदे में बुला कर अतिथि की औपचारिकता पूरी की गई।
मैं भड़भड़ा कर उठ गया और लगा कि जान बच गई (या कह लो कि जान छूटी!)। यह भी अजीब बात रही कि इतने भड़भड़... मैं भड़भड़ा कर उठ गया और लगा कि जान बच गई (या कह लो कि जान छूटी!)। यह भी अजीब बा...
जो बिगड़ेगा नहीं वह क्या खाक बनेगा ! वैसे भी, हम बेहतर इंजीनियर बनाते हैं बढ़िया मनुष्य नहीं। जो बिगड़ेगा नहीं वह क्या खाक बनेगा ! वैसे भी, हम बेहतर इंजीनियर बनाते हैं बढ़िया म...
मेरा विश्वास पुख्ता होने लगा कि घर का पराठा हमेशा पिज्जा पर भारी पड़ेगा। मेरा विश्वास पुख्ता होने लगा कि घर का पराठा हमेशा पिज्जा पर भारी पड़ेगा।
शहर की जगमगाहट दिखाई दी। आउटर निकल चुका था और कुछ मिनटों में ट्रेन स्टेशन पर पहुँचने वाली है। शहर की जगमगाहट दिखाई दी। आउटर निकल चुका था और कुछ मिनटों में ट्रेन स्टेशन पर पहु...
थोड़ी देर बाद अँधेरा बढ़ने लगा। आज उसे अपनी झोंपडी में लौटने की कोई फिक्र नहीं थी इसलिए वह सड़क की पुलि... थोड़ी देर बाद अँधेरा बढ़ने लगा। आज उसे अपनी झोंपडी में लौटने की कोई फिक्र नहीं थी ...
वहीं पर एक लड़का मोटर साइकिल के उतारे हुए फटे टायर को दौड़ाकर उसके पीछे दौड़कर खेलने में मस्त था वहीं पर एक लड़का मोटर साइकिल के उतारे हुए फटे टायर को दौड़ाकर उसके पीछे दौड़कर खेलन...
दिवाली की मिठाई... दिवाली की मिठाई...
वैसे भी कितने ईमानदार लोग बचे हैं ? लो मूँगफली खाओ, देखो ! कितनी बढ़िया भूनी हैं। वैसे भी कितने ईमानदार लोग बचे हैं ? लो मूँगफली खाओ, देखो ! कितनी बढ़िया भूनी हैं।
रावण तो जल रहा था, फिर भी क्यूँ हँस रहा था ? रावण तो जल रहा था, फिर भी क्यूँ हँस रहा था ?