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रघुवीर की आँखें झरनों की तरह प्रवाहमान हो चुकी थीं और हाथ जोडे़ फड़क उठे...कमला ! तुम धन्य हो ! तुम्... रघुवीर की आँखें झरनों की तरह प्रवाहमान हो चुकी थीं और हाथ जोडे़ फड़क उठे...कमला ...