कद उसी किरदार का जमाने मे बड़ा है। भीड़ के कंधों पर पैर रखकर जो खड़ा है।
कुछ एहसास...। कुछ एहसास...।
उलझे हुए प्रश्न...। उलझे हुए प्रश्न...।
तितलियों के बारे में एक ग़ज़ल...। तितलियों के बारे में एक ग़ज़ल...।
पीड़ा के बारे में एक कविता...। पीड़ा के बारे में एक कविता...।
एक चेहरा...। एक चेहरा...।
इकीसवीं सदी मा जो गाँधी जी लौटी आवैं बिना लिहे-दिहे अबकी, याको सुविधा न पावैं, पद कै महत्ता पहिले इकीसवीं सदी मा जो गाँधी जी लौटी आवैं बिना लिहे-दिहे अबकी, याको सुविधा न पावैं, प...
जीवन पथ पर करना पड़ता अथक परिश्रम, मेहनत पूरी-पूरी रहती, मज़दूरी फिर भी कम, सुने खरी खोटी जीवन पथ पर करना पड़ता अथक परिश्रम, मेहनत पूरी-पूरी रहती, मज़दूरी फिर भी कम, सुने...
शोला भड़के न ऐसी हवा दीजिए तेरी चाहत में गुज़री है जिनकी उम्र, उन बुज़ुर्गों के हित कुछ दुआ कीजिए हो ... शोला भड़के न ऐसी हवा दीजिए तेरी चाहत में गुज़री है जिनकी उम्र, उन बुज़ुर्गों के ह...
जलन के हर बार एहसास नए पाता हूँ..... जलन के हर बार एहसास नए पाता हूँ.....
पन्नाधाय बनी कभी बनी जीजाबाई, अंग्रेजों से लड़कर कहलायी लक्ष्मीबाई, सामने पड़ा है कभी, राष्ट्रहित ज... पन्नाधाय बनी कभी बनी जीजाबाई, अंग्रेजों से लड़कर कहलायी लक्ष्मीबाई, सामने पड़ा ...