Mai prabhanshu allhabad up se hu
चिकित्सकीय विज्ञान भी, बेबस असहाय हाथ जोड़े, चिकित्सकीय विज्ञान भी, बेबस असहाय हाथ जोड़े,
दूसरे कूढ़े की आेर शायद अपनी किस्मत को कोसते हुए बस यही है मेरी जिन्दगी। दूसरे कूढ़े की आेर शायद अपनी किस्मत को कोसते हुए बस यही है मेरी जिन्दगी।
उसका उपचार क्या पूरी होगी उसकी इच्छाएं क्या पूरी होगी उसकी आश आज कलम फिर उसका उपचार क्या पूरी होगी उसकी इच्छाएं क्या पूरी होगी उसकी आश आज ...
कहाँ हो कविता आखिर हो कहाँ मुझे तो लगता है तुम हर जगह हो हर किसी का सपना हो या हो क... कहाँ हो कविता आखिर हो कहाँ मुझे तो लगता है तुम हर जगह हो हर किसी क...
हमें तो धूप-छाँव दोनों से दोस्ती निभाना है। हमें तो धूप-छाँव दोनों से दोस्ती निभाना है।
पटाखों के धुएँ और धूल के गुबार में कही गुम होते जाते धुआँ धुआँ होते देखा अपने सपनो को|| पटाखों के धुएँ और धूल के गुबार में कही गुम होते जाते धुआँ धुआँ होते देखा...
हाँ उन्हीं अपनों को, तलाश रही हैं मेरी आँखें, जिनके लिए मेरे पास, सम्पूर्ण जीवन, सम... हाँ उन्हीं अपनों को, तलाश रही हैं मेरी आँखें, जिनके लिए मेरे पास, सम्प...
ईश्वर से विनती कर रहा होता है। जब मैं रोटी के टुकड़े खा रहा होता हूं तो मेरा दूसरा आदमी... ईश्वर से विनती कर रहा होता है। जब मैं रोटी के टुकड़े खा रहा होता हूं ...
इनसेट और वेबसाइट के युग में भी कम नहीं हुई है आस्था की तेज धार यही तो अपना भारत है। इनसेट और वेबसाइट के युग में भी कम नहीं हुई है आस्था की तेज धार यही तो अपना भा...
तोड़ देना चाहता हूँ सारी , रस्में इस जमाने की, कितनी चट्टानों ने , मेरा रास्ता रोका , कितने किना... तोड़ देना चाहता हूँ सारी , रस्में इस जमाने की, कितनी चट्टानों ने , मेरा रास्त...