बहुत उम्दा ग़ज़ल या कविताएं नहीं लिखता छोटा मोटा पर एक क़लमकार मैं भी हूं मेरे अपने अलग कुछ क़ायदे क़ानून होते हैं बिना बहुमत के जीती इक सरकार मैं भी हूं
गूंगे बहरे शासन पर या खूनी सिंहासन पर उस बच्ची के जले शरीर पर या अपने देश के मीर पर रोती... गूंगे बहरे शासन पर या खूनी सिंहासन पर उस बच्ची के जले शरीर पर या अपने द...
निश्चित ही एक सफ़र का एक अंत है मगर आरंभ का कोई किस्सा नहीं जीवन में गिरना उठना चलना ठीक मगर थककर ... निश्चित ही एक सफ़र का एक अंत है मगर आरंभ का कोई किस्सा नहीं जीवन में गिरना उठना...
राह में पड़ाव बहुत होंगे ये पथिक मंजिलें उन्हें यूँ बनानी नहीं हैं। राह में पड़ाव बहुत होंगे ये पथिक मंजिलें उन्हें यूँ बनानी नहीं हैं।
थके हारों को कुछ क्षण का विश्राम है नव युग निर्माण को अनंत आयाम है बुझ चुके दीपक में भी संभावना तम... थके हारों को कुछ क्षण का विश्राम है नव युग निर्माण को अनंत आयाम है बुझ चुके दी...
सूरज पर भी उंगली उठा देते हैं झूठी श्रद्धा में सब कुछ लुटा देते हैं बदलते मौसमों को ही देते दोष है... सूरज पर भी उंगली उठा देते हैं झूठी श्रद्धा में सब कुछ लुटा देते हैं बदलते मौसम...
एक परम्परा थी जो अब ख़त्म सी हो गयी है कुछ खुशियां थी जो अब दफ़न सी हो गयी है एक हंसी गूंजती थी आंगन... एक परम्परा थी जो अब ख़त्म सी हो गयी है कुछ खुशियां थी जो अब दफ़न सी हो गयी है एक...
यह कविता मुश्केली में भी विश्वास से आगे बढ़ने का संदेश देती है । यह कविता मुश्केली में भी विश्वास से आगे बढ़ने का संदेश देती है ।
अपने किसी भी दर्द को वह किसी से नहीं बताती है, एक लड़की है जो किसी को समझ नहीं आती है। अपने किसी भी दर्द को वह किसी से नहीं बताती है, एक लड़की है जो किसी को समझ नहीं आत...
मेरा हौसला अब एक साज़ बुन रहा है मेरा दिल मेरी आवाज़ सुन रहा है...! मेरा हौसला अब एक साज़ बुन रहा है मेरा दिल मेरी आवाज़ सुन रहा है...!
प्यार से भरी होली तो बीत गयी चलो अब इन रंगों को बटोर लें...। प्यार से भरी होली तो बीत गयी चलो अब इन रंगों को बटोर लें...।