प्रकृति के सुन्दरम का कवि
कर रही प्रकृति स्वागत वसंत ऋतु का, छाई है बहार चैरी ब्लॉसम की। कर रही प्रकृति स्वागत वसंत ऋतु का, छाई है बहार चैरी ब्लॉसम की।
भाँति-भाँति के चेहरे हैं भाँति-भाँति के रंग होली मोल अमोल है। भाँति-भाँति के चेहरे हैं भाँति-भाँति के रंग होली मोल अमोल है।
होली खेलन आयी है सखियों के संग नारि। होली खेलन आयी है सखियों के संग नारि।
होली खेलन गये हैं बरसाने को श्याम। होली खेलन गये हैं बरसाने को श्याम।
गाओ फगुआ गीत गाओ फगुआ गीत
मचा हुआ है शोर आ गयी होली है। मचा हुआ है शोर आ गयी होली है।
फागुन तन मन बस गया छाया मधुर बसंत। फागुन तन मन बस गया छाया मधुर बसंत।
लिए रंग अबीर आ गयी होली है ।। लिए रंग अबीर आ गयी होली है ।।
देवर भाभी को छेडे लेकर गुलाबी रंग। देवर भाभी को छेडे लेकर गुलाबी रंग।
सब पर चढ़ा उमंग सब पर चढ़ा उमंग