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भयानक स्मृतियों के जंगल से बच-बचा कर उन्होंने, एक बीच की राह निकाली थी सात्वनाओं की एक नदी जहाँ उन्ह... भयानक स्मृतियों के जंगल से बच-बचा कर उन्होंने, एक बीच की राह निकाली थी सात्वनाओं...
लिक से हैट कर जब कोई चाहें कि सब उसके सोचने भर से हो ,रात -दिन भी और मौसम का बदलना भी ,और इसके लिए... लिक से हैट कर जब कोई चाहें कि सब उसके सोचने भर से हो ,रात -दिन भी और मौसम का ब...
वह क्रोध में थे पर शांत थे वह असहमत थे, पर समझाए जाने पर सहमत हो जाते थे! वह क्रोध में थे पर शांत थे वह असहमत थे, पर समझाए जाने पर सहमत हो जाते थे!
शहर जब मछली की चिकनी पीठ में बदल जाए तब ज़िन्दगी को वहां टिके रहने के लिए दुगनी मश्कत करनी होती है शहर जब मछली की चिकनी पीठ में बदल जाए तब ज़िन्दगी को वहां टिके रहने के लिए दुगनी...
जब अपने ही होने को बहुमत के स्वर में स्वर मिला वो खुद को नकारने लगे तब ? जब अपने ही होने को बहुमत के स्वर में स्वर मिला वो खुद को नकारने लगे तब ?