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भाई के इतना कहते ही माँ कब काल समान अथाह गहराई वाले जलाशय के मुहाने पहुँच गयी। भाई के इतना कहते ही माँ कब काल समान अथाह गहराई वाले जलाशय के मुहाने पहुँच गयी।
मैंने भी प्लेट की तरफ देखा। उसमे दो भुने हुए चूहे और हरी-हरी महकती चटनी रखी थी। मैं तो वह सब देख कर ... मैंने भी प्लेट की तरफ देखा। उसमे दो भुने हुए चूहे और हरी-हरी महकती चटनी रखी थी। ...
सुबह आंख खुली तो सबसे पहले ईश्वर को धन्यवाद दिया। पूरा बदन दर्द कर रहा था। सुबह आंख खुली तो सबसे पहले ईश्वर को धन्यवाद दिया। पूरा बदन दर्द कर रहा था।
उस दिन भी वह मेरे विचारों में आकर मुझे व्यथित करता रहा। उस दिन भी वह मेरे विचारों में आकर मुझे व्यथित करता रहा।