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बैराग के खाते में बैराग के खाते में
सब तरफ़ आग है लगी हुई... सब तरफ़ आग है लगी हुई...
मृग-मरीचिका मृग-मरीचिका
कठघरे से बाहर कठघरे से बाहर
चित्रों की ज़ुबान चित्रों की ज़ुबान
आख़िर धर्म से तो उनकी विवाहिता हूँ। वे धर्म नहीं निभा पाये यह बात दीगर है। कुमार साहब अब भी मेरे लिय... आख़िर धर्म से तो उनकी विवाहिता हूँ। वे धर्म नहीं निभा पाये यह बात दीगर है। कुमार...
आतिशे-संग आतिशे-संग
देवदार, चीड़ के लम्बे दरख़्तों की घनी छाँव में से सूरज की किरणें हीरे जैसी चमक रही थीं। ठंडी हवाओं मे... देवदार, चीड़ के लम्बे दरख़्तों की घनी छाँव में से सूरज की किरणें हीरे जैसी चमक रह...
अब इस सख़्त, बंजर धरती पर खुशी का एक फूल भी कभी नहीं खिलता। बचपन में खंडहर डराते थे, अब इस खंडहर घर ... अब इस सख़्त, बंजर धरती पर खुशी का एक फूल भी कभी नहीं खिलता। बचपन में खंडहर डराते...
तभी एक चुलबुली लहर ने दोनों के पैर भिगो दिऐ और लौटकर समंदर के सीने में समा गई। मीरा के चेहरे पर आई ... तभी एक चुलबुली लहर ने दोनों के पैर भिगो दिऐ और लौटकर समंदर के सीने में समा गई। ...