मुझे साहित्य पढ़ना और कविता लिखना बहुत प्रिय है, मेरा स्नेह हमेशा हिमालय की गोद प्रकृति के आलिंगन में खोया रहने को हैं। स्टोरी मिरर का आभार ब्यक्त करता हूँ जिसने एक मंच दिया है अपने हृदय के भाव प्रकट करने का मंच देकर।।
कुछ ढूँढ़ने चला था जो राह निकला मैं खत्म होने का नाम न लेती राह अब तक, कुछ ढूँढ़ने चला था जो राह निकला मैं खत्म होने का नाम न लेती राह अब तक,
रील चलती रही फ़िल्म बनती रही दोनों ने निभाया ऐसा किरदार। रील चलती रही फ़िल्म बनती रही दोनों ने निभाया ऐसा किरदार।
लहू मेरे जिगर का तेरे लिए है। ओ वतन मेरा रोम रोम तेरे लिए है।। लहू मेरे जिगर का तेरे लिए है। ओ वतन मेरा रोम रोम तेरे लिए है।।
लिख कर जीत की परीक्षा, आसमाँ पे लहरा, देंगे भारत का तिरंगा। लिख कर जीत की परीक्षा, आसमाँ पे लहरा, देंगे भारत का तिरंगा।
वो पल बहुत याद आते हैं, वो भाई से लड़ना, दोस्तों सँग कंचे खेलना! वो पल बहुत याद आते हैं, वो भाई से लड़ना, दोस्तों सँग कंचे खेलना!
है यही चाह बस फिर किसी सूरवीर के पाँव की धूली बन जाये, पुष्प मैं वो बन जाऊँ। है यही चाह बस फिर किसी सूरवीर के पाँव की धूली बन जाये, पुष्प मैं वो बन जाऊँ।
नये उथान की बड़े पहचान की है मुझे प्रतीक्षा, मन के अन्दर चल रहा है एक नया द्वन्द। नये उथान की बड़े पहचान की है मुझे प्रतीक्षा, मन के अन्दर चल रहा है एक नया द्व...
लग जा गले मे्रे हमदम फिर ये बहार रहे न रहें, हम सँग है तो खुशियाँ भी हैं। लग जा गले मे्रे हमदम फिर ये बहार रहे न रहें, हम सँग है तो खुशियाँ भी हैं।
होता हो जहाँ मधुर मिलन खिलतीं फागुन बहार कहाँ जाऊ ढूढ़ने फिर वो प्यार ? होता हो जहाँ मधुर मिलन खिलतीं फागुन बहार कहाँ जाऊ ढूढ़ने फिर वो प्यार ?
अपने तरुण यौवन का पुष्प बाण वो छोड़ गयी, मुझ प्यासे को यूं ही प्यासा छोड़ गयी. अपने तरुण यौवन का पुष्प बाण वो छोड़ गयी, मुझ प्यासे को यूं ही प्यासा छोड़ गयी.