मेरी कहानियों , कविताओं , कोट्स को पढ़कर और उनके बारे में अपने विचार रखकर , लाइक करने का आप सभी पाठक गण को हार्दिक आभार। आप यहां तक आते है और अपना समय निकाल कर हमारी रचनाओं को पढ़ते है उसके लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद्
हाँ प्यार करता हूं उस स्त्री से जो मेरी अर्द्धांगनी हैं। हाँ प्यार करता हूं उस स्त्री से जो मेरी अर्द्धांगनी हैं।
तू सोच ना इतना की सब असंभव सा लगे एक हिम्मत ही तो करना होता है तू सोच ना इतना की सब असंभव सा लगे एक हिम्मत ही तो करना होता है
घर में चल रहा था बटवारा , मां चुप चाप देख रहीं थीं। घर में चल रहा था बटवारा , मां चुप चाप देख रहीं थीं।
तू लाख संभाले ख़ुद को फिर भी संभल नहीं पायेगा, एक छोटी से तारीफ़ से तू धोखा खा जाएगा । तू लाख संभाले ख़ुद को फिर भी संभल नहीं पायेगा, एक छोटी से तारीफ़ से तू धोखा ख...
जो दुनिया को नहीं पता वो मां को सब पता है। जो दुनिया को नहीं पता वो मां को सब पता है।
साथ - साथी सब छूट जाए, लोभ - मोह से परे हो जाए, साथ - साथी सब छूट जाए, लोभ - मोह से परे हो जाए,
उमर भर का जो दर्द दिया है तुमने मैं सह रही हूं या सहना चाहती हूं उमर भर का जो दर्द दिया है तुमने मैं सह रही हूं या सहना चाहती हूं
आख़िरी सांस तक मैं लड़ता, अपने कदम कैसे पीछे करता आख़िरी सांस तक मैं लड़ता, अपने कदम कैसे पीछे करता
दुनियां का ये नज़र का चश्मा, थोड़ा सा मैं हटाना चाहूं ! दुनियां का ये नज़र का चश्मा, थोड़ा सा मैं हटाना चाहूं !
जानते हो हम क्यों भागते थे, क्योंकि हम घरों की घंटी बजाते थे, जानते हो हम क्यों भागते थे, क्योंकि हम घरों की घंटी बजाते थे,