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जो मेरे लाख चाहने पर भी कभी धूप में सूखा ही नहीं। जो मेरे लाख चाहने पर भी कभी धूप में सूखा ही नहीं।
उड़ने की है तेरी बारी। उड़ने की है तेरी बारी।
शौक है मुझे जख़्म-ए-इश्क का,फिर चाहे गम़ हर पैमाने पे मिले॥ शौक है मुझे जख़्म-ए-इश्क का,फिर चाहे गम़ हर पैमाने पे मिले॥
ख्वाबों में वायु के वेग से,चले आते हो तुम। ख्वाबों में वायु के वेग से,चले आते हो तुम।
ये ज़माना तो हर गिरे हुए पे हंसता है... ये ज़माना तो हर गिरे हुए पे हंसता है...
वो प्रेम कहां, वो तो धोखा है वो प्रेम कहां, वो तो धोखा है