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मैंने एक छाता निकाला और मेरे कदम उनकी तरफ़ बढ़ चले मैंने एक छाता निकाला और मेरे कदम उनकी तरफ़ बढ़ चले
ढाबे की हालत भी जार जार हो रखी थी, मैं गाड़ी से उतरा और उस ढाबे पर गया ढाबे की हालत भी जार जार हो रखी थी, मैं गाड़ी से उतरा और उस ढाबे पर गया
"मेरे दिन की शुरुआत करती तुम और वो चाय का प्याला" "मेरे दिन की शुरुआत करती तुम और वो चाय का प्याला"
जब उसे देखो तो मन खुश हो जाए और चेहरे पर आ जाए बड़ी मुस्कान कि हमने अपनी उम्र को नंबर जब उसे देखो तो मन खुश हो जाए और चेहरे पर आ जाए बड़ी मुस्कान कि हमने अपनी उम्र को...
कब मैं इतनी भारी हो गई कि तुमने मेरा बचपन ही छीन लिया! कब मैं इतनी भारी हो गई कि तुमने मेरा बचपन ही छीन लिया!