मुझे कविताएँ और कहानियाँ लिखने और पढ़ने का शौक है! मेरी स्वरचित रचनाएँ प्रस्तुत है....
Share with friendsहो रहे मेरे चर्चे!-2 बढ़ गये हैं मेरे खर्चे! -2 बट गये हैं मेरे टुटे भरोसे के पर्चे!! -2 अच्छाई बुराई के बना के खेमे! -2 तुम मुझे बताना क्या चाहते!! -2 एक तो चोरी-२ उपर से सीना जोरी!! -२ अपना उल्लू सीधा करने आये! -2 बडा़ नेक काम कर रहे!! -2 हो रहे मेरे चर्चे...... --कलम कुछ कहती है राशि राय
आज ज़ब मैं सोचती हूँ तो ये सोच से परे ही लगता है वो कैसे लोग थे जो आज़ादी के लिए बलिदान कर दिए खुद को इस समाज की जिसकी परिपाटी ऐसी की दिमाग़ में लोगों के बस यही रहता ये मेरे बाप की जागीर है वहा पे लोग शहीद हो गए ताकि कोई प्रताड़ित ना रहे देश समाज की उन्नति हो कैसे वो लोग ये सोचते भी थे मुझे तो समझ नहीं आता मतलब सिर्फ मतलब नजर आता है फिर ऐसे कैसे लोग आते है समाज बदलने को समाज से ही लड़ते है मरते
Getting hard to strive Even harder to stay alive What the time it is We are at home, isolated & quarantine They are walking on street without water & eating To go their own places By letting off to the workplaces Govt now it's urs time give help to t