विद्यार्थी
विद्या के रथी होते हैं
शिक्षक सारथी।
उचित शिक्षा के लिए
दोनों को ही अपना काम
ठीक-ठीक करना ज़रूरी है।
तुम आज़ाद थे,
बहुत खुश थे।
मैंने आज़ाद किया,
तो दुखी हो गए।
तुम आज़ाद थे,
बहुत खुश थे।
मैंने आज़ाद किया,
तो दुखी हो गए।
तुम आज़ाद थे,
बहुत खुश थे।
मैंने आज़ाद किया,
तो दुखी हो गए।
दुनिया से अलग पहचान बनानी है तो भीड़ की तालियों से पहले भीड़ की हँसी सहनी पड़ेगी।
अच्छाई के बदले सबको thank you ज़रूर कहिए,
अच्छाई के लिए सबको please न कहें।
शतरंज के शौकीन भी धोखा खा जाते हैं साहब,
शतरंज की चालें धोखा देना नहीं सिखाती।
पिछले अनुभवों को हाथों में और आंखों में आने वाले समय का विज़न रख कर , नवीन ऊर्जा से भरे पैरों से चलने से ही प्रगति होती है।
'हल' का हिस्सा बनो न बनो,
पर 'छल' का हिस्सा न बनो।