Housemaker
दीपाली! हम में से तो कोई नहीं चीखा, चीख तो शायद सुबोध के कमरें से आई है दीपाली! हम में से तो कोई नहीं चीखा, चीख तो शायद सुबोध के कमरें से आई है
उधर महेश का प्रतिद्वन्दी राधेश्याम शास्त्री जो अभी शहर से लौटा था उधर महेश का प्रतिद्वन्दी राधेश्याम शास्त्री जो अभी शहर से लौटा था
दादी के स्वर्ग सिधारने के इतने साल बाद भी आपने उनकी अस्थियों का विसर्जन क्यों नहीं किया? दादी के स्वर्ग सिधारने के इतने साल बाद भी आपने उनकी अस्थियों का विसर्जन क्यों नह...
तो ऐसे होते हैं हमसफ़र कितना भी लड़ लें,झगड़ ले लेकिन एकदूसरे के बिना रह नहीं पाते..... तो ऐसे होते हैं हमसफ़र कितना भी लड़ लें,झगड़ ले लेकिन एकदूसरे के बिना रह नहीं पाते....
विन्ध्यवासिनी जाम बनाकर सबके पास ला ही रही थी वो घूँघट में थी। विन्ध्यवासिनी जाम बनाकर सबके पास ला ही रही थी वो घूँघट में थी।
अगर मैनें ये पूछा तो उस पल मैं आपकी भद्र बेटी से अभद्र बेटी हो जाऊँगी... अगर मैनें ये पूछा तो उस पल मैं आपकी भद्र बेटी से अभद्र बेटी हो जाऊँगी...
फिर बड़ी सी डलिया में रखें ढ़ेर सारे मिट्टी के खिलौनों को स्पर्श करके फूट फूटकर रो पड़ी... फिर बड़ी सी डलिया में रखें ढ़ेर सारे मिट्टी के खिलौनों को स्पर्श करके फूट फूटकर रो...
मैं तुम्हारे साथ कुछ भी बनकर रह सकता हूँ लेकिन तुम्हारे बिना मैं मर जाऊँगा कालिन्दी मैं तुम्हारे साथ कुछ भी बनकर रह सकता हूँ लेकिन तुम्हारे बिना मैं मर जाऊँगा कालिन...
ऐसा लग रहा था उस रात कि इस रात की सुबह ही नहीं है.... ऐसा लग रहा था उस रात कि इस रात की सुबह ही नहीं है....
फिर कुछ देर बाद पायल की घुंघरुओं की छम छम से मेरी नींद टूटी और मैं जाग उठा, फिर कुछ देर बाद पायल की घुंघरुओं की छम छम से मेरी नींद टूटी और मैं जाग उठा,