I'm Dr sangeeta and I love to read StoryMirror contents.
मेरी हाथों में लिपटा तुम्हारा वजूद आह! अवर्णनीय है!......मेरी स्वादनुभूति का सम्बल मेरी प्यारी “चाय ... मेरी हाथों में लिपटा तुम्हारा वजूद आह! अवर्णनीय है!......मेरी स्वादनुभूति का सम्...
बदलते परिवेश में सोच भी बदलनी होगी, सिर्फ औरत नहीं पुरुष भी घर संभाल सकते हैं। .... बदलते परिवेश में सोच भी बदलनी होगी, सिर्फ औरत नहीं पुरुष भी घर संभाल सकते हैं। ...
अपनों की बेरुखी मौत के पहले ही मार देती है अपनों की बेरुखी मौत के पहले ही मार देती है
डर की वास्तविक परिभाषा क्या है? कोई नहीं बता सकता। क्या डर होता भी है या कोई मनोवैज्ञानिक कल्पना मात... डर की वास्तविक परिभाषा क्या है? कोई नहीं बता सकता। क्या डर होता भी है या कोई मनो...