writer, dreamer, author , journalist
माना लोग मशगुल है खूद के ही सवालों में इस कदर, जीते जाना है भीड़ में भी, यु ही बेवजह यहाँ जीना दुशवार... माना लोग मशगुल है खूद के ही सवालों में इस कदर, जीते जाना है भीड़ में भी, यु ही बे...
लगता है आज ठान के आये हो घर से नज़रें नहीं मिलाओगे , फिर क्यु आप नज़रें बिछाए बैठे हो ...... लगता है आज ठान के आये हो घर से नज़रें नहीं मिलाओगे , फिर क्यु आप नज़रें बिछाए बैठ...