writer, dreamer, author , journalist
Abstract
माना लोग मशगुल है खूद के ही सवालों में इस कदर, जीते जाना है भीड़ में भी, यु ही बेवजह यहाँ जीना दुशवार...
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Romance
लगता है आज ठान के आये हो घर से नज़रें नहीं मिलाओगे , फिर क्यु आप नज़रें बिछाए बैठे हो ......
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Others
'રોજ સવાર પડેને ભલે ભાગમ ભાગ થાય, ઘરમાં બેસીને રળનારા પણ ખૂણે-ખૂણેય છે.' જીવનની વાસ્તવિકતાનો ચિતાર આ...
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