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अपने वज़ूद की गिरवी रखना भर नहीं है न ही अपनी आत्मा को बेमौत मार डालना है अपने वज़ूद की गिरवी रखना भर नहीं है न ही अपनी आत्मा को बेमौत मार डालना है
पानी अब पानी नहीं पेट का अन्न है पानी अब पानी नहीं पेट का अन्न है
परत दर परत एक दिन खोल खालकर तुम्हें नंगा कर देंगे मेरे शब्द परत दर परत एक दिन खोल खालकर तुम्हें नंगा कर देंगे मेरे शब्द
रोम रोम पर दर्ज़ है तुम्हारे ख़ून पसीने का कर्ज़ रोम रोम पर दर्ज़ है तुम्हारे ख़ून पसीने का कर्ज़