I'm हरीश सेठी and I love to read StoryMirror contents.
आज फिर जल्दबाजी में मालिक दवात फर्श पर ही भूल गये थे।कमरे के अंदर आते समय उनका पैर दवात से टकरा गया।... आज फिर जल्दबाजी में मालिक दवात फर्श पर ही भूल गये थे।कमरे के अंदर आते समय उनका प...
एक शिक्षक होने के नाते मैं बेझिझक गर्व के साथ अपने विद्यार्थियों को कह सकता हूँ- "कदापि अपशब्दांन न ... एक शिक्षक होने के नाते मैं बेझिझक गर्व के साथ अपने विद्यार्थियों को कह सकता हूँ-...
चाय की चुस्कियाँ लेते हुए मुख्तयार सिंह व गुरमेल कौर की आँखें नम हो गईं। चाय की चुस्कियाँ लेते हुए मुख्तयार सिंह व गुरमेल कौर की आँखें नम हो गईं।