सारा इलज़ाम अपने सर लेकर,
हमने मुकद्दर को माफ़ किया।।
सिर्फ़ एक मुट्ठी हिस्सा जो मेरा है फ़लक में।
सितारे इसमें जितने भी हैं अब सब तुम्हारे हैं।
इश्क के अपने कुछ रिवाज़ होते हैं,
बाद इश्क के हर रिश्ते नासाज़ होते हैं।
"एहसास"
अंत में जीत उसी की होती है जो अंत तक जीतने का प्रयास करता है।