हवा में तैर रही ऐसी आवाजों को जिन्हें स्थूल कानों से सुनने में मनुष्य आम तौर पर अक्षम ही रहता है, कथा के माध्यम से अन्त:करण तक पहुँचा देने की कोशिश करता हूँ।
कुछ आपसी संकोचों ने 'परिवार' नाम की संस्था को विघटन के कगार पर ला खड़ा किया है। इस विघटन के कारण बड़े ... कुछ आपसी संकोचों ने 'परिवार' नाम की संस्था को विघटन के कगार पर ला खड़ा किया है। इ...
“सुनो, आखिरी स्टॉप से आधा किलोमीटर पहले ही उतार देना।” मैंने कण्डक्टर से विनती की और उसने सहस्रध... “सुनो, आखिरी स्टॉप से आधा किलोमीटर पहले ही उतार देना।” मैंने कण्डक्टर से विन...
वोलंटरी रिटायरमेंट के बाद खन्ना जी अधूरी रह गई बचपन की अपनी आकांक्षाओं को नए सिरे में जीना शुरू कर द... वोलंटरी रिटायरमेंट के बाद खन्ना जी अधूरी रह गई बचपन की अपनी आकांक्षाओं को नए सिर...
यह एक असहाय बूढ़ी माँ की कहानी है। वह एक विधवा है जिसके तीन बेटे हैं। वे अक्सर ही सम्पत्ति के बँटवारे... यह एक असहाय बूढ़ी माँ की कहानी है। वह एक विधवा है जिसके तीन बेटे हैं। वे अक्सर ही...