AUTHOR PAGALKAVI POET DARK LOVER ENGINEER PERFORMER
और वो वाट्हअप की हरे रंग का रोज का खेल कब लाल इश्क मे बदल गया !! दोनो अन्जान थे इससे । और वो वाट्हअप की हरे रंग का रोज का खेल कब लाल इश्क मे बदल गया !! दोनो अन्जान थे ...
अगले की मोड़ पे, स्नेहा और उसके स्कूटी के चिथड़े बिखरे पड़े मिले ! अगले की मोड़ पे, स्नेहा और उसके स्कूटी के चिथड़े बिखरे पड़े मिले !
प्रौढ़ावस्था प्रौढ़ावस्था
नौकरीपेशा वालों से यही आग्रह है कि आप जिस कलाकार को अपने अन्दर मार रहे हो, वह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण ... नौकरीपेशा वालों से यही आग्रह है कि आप जिस कलाकार को अपने अन्दर मार रहे हो, वह ...