I'm Jyoti Priyadarsini and I love to read StoryMirror contents.
लेकिन वो खामोश थी क्यों कि ये सब क्या है क्यों हो रहा है उसे खुद भी नही पता था। लेकिन वो खामोश थी क्यों कि ये सब क्या है क्यों हो रहा है उसे खुद भी नही पता था।
आवाज जैसे एक सुंदर सी छवि में रंग भर कर उसे और भी ज्यादा खूबसूरत बना रहे हो। आवाज जैसे एक सुंदर सी छवि में रंग भर कर उसे और भी ज्यादा खूबसूरत बना रहे हो।
जैसे कि वो पृष्ठ कुछ कहना चाहता हो। वो पृष्ठ के ऊपर लिखा था :- ‛4th जुलाई’ जैसे कि वो पृष्ठ कुछ कहना चाहता हो। वो पृष्ठ के ऊपर लिखा था :- ‛4th जुलाई’
दोस्ती में रोशनी का उनका घर आने जाने के बीच रोशनी रागिनी को भी अच्छी तरहा पहचान गयी थी। दोस्ती में रोशनी का उनका घर आने जाने के बीच रोशनी रागिनी को भी अच्छी तरहा पहचान ...
वो तो राजवीर से दूर जाना चाहती थी _ बहुत दूर....... वो तो राजवीर से दूर जाना चाहती थी _ बहुत दूर.......
सृस्टि अपनी नकली गुस्सा को कम करते हुए बोली। सृस्टि अपनी नकली गुस्सा को कम करते हुए बोली।
रोशनी का भोलापन सृष्टि को बहुत अच्छा लगा। रोशनी का भोलापन सृष्टि को बहुत अच्छा लगा।
उसे आज फिर से अपने हाथों लिखी डेयरी पढ़ने का मन किया। उसे आज फिर से अपने हाथों लिखी डेयरी पढ़ने का मन किया।
जब उसके हाथों से एक गमला छूट कर नीचे गिरा। रागिनी जल्दी से उसे समेट ने लगी। जब उसके हाथों से एक गमला छूट कर नीचे गिरा। रागिनी जल्दी से उसे समेट ने लगी।
_from-rajvir और दूसरे में _from-ragini। पहले वो राजवीर का डेरी खोली........ _from-rajvir और दूसरे में _from-ragini। पहले वो राजवीर का डेरी खोली........