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यादों की किसी एक डायरी में कई दिनों पहले अपने ही लिखे, जो पन्ने थे उन्हें पढ़ता रहा यादों की किसी एक डायरी में कई दिनों पहले अपने ही लिखे, जो पन्ने थे उन्हें...
तुम हर वक्त साथ रहते हो कभी चाँद कभी सूरज से। तुम हर वक्त साथ रहते हो कभी चाँद कभी सूरज से।
तुम लौटो तो.... तुम लौटो तो....
तुम! 'तुम' होकर कब लौटोगे...? तुम! 'तुम' होकर कब लौटोगे...?