एम.ए. चित्रकला बि.लिब्, पुस्तकालय और सूचना विभाग
हाथी आया हाथी आया संग अपने संगी साथी लाया। हाथी आया हाथी आया संग अपने संगी साथी लाया।
एक मूर्त रूप देता हैं एक कवि अपनी कविता को। एक मूर्त रूप देता हैं एक कवि अपनी कविता को।
तुम एक घना पेड़ हों जिसकी छाया से नर्म छांव हैं। तुम एक घना पेड़ हों जिसकी छाया से नर्म छांव हैं।
जिसकी नहीं कोई भाषा। प्रेम तो हैं अव्यक्त ज जिसकी नहीं कोई भाषा। प्रेम तो हैं अव...
कुछ खफ़ा सी हैं कुछ नाराज सी हैं हर चेहरे से नदारद सी हैं वो खिलखिलाती हंसी कुछ खफ़ा सी हैं कुछ नाराज सी हैं हर चेहरे से नदारद सी हैं वो खिलखिलाती ...
शूल से भरें हैं ये पथ चुभ जाएंगे तेरे पांव में शूल से भरें हैं ये पथ चुभ जाएंगे तेरे पांव में
हर बाधा को पारकर आत्मविश्वास के साथ अपना लक्ष्य प्राप्त करना हैं तुझे। हर बाधा को पारकर आत्मविश्वास के साथ अपना लक्ष्य प्राप्त करना है...