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आज सुबह से कमाई नहीं हुई थी, बस ये दस रुपए थे मेरे पास, हमारा पुचकी बोला - बाबा रंग लान आज सुबह से कमाई नहीं हुई थी, बस ये दस रुपए थे मेरे पास, हमारा पुचकी बोला - बाबा ...
खत की ये पंक्तियां आज भी अधूरी रह गई। पिछले एक वर्ष से ना जाने कितनी बार वृद्धाश्रम की खत की ये पंक्तियां आज भी अधूरी रह गई। पिछले एक वर्ष से ना जाने कितनी बार वृद्धाश...
ठीक है मैं नहीं जाती ठीक है मैं नहीं जाती