I'm Rashmi and I love to read StoryMirror contents.
उनको समझने का व्याकरण एक ही था। दोनों एक ही दौर से जो गुजर रही थीं। उनको समझने का व्याकरण एक ही था। दोनों एक ही दौर से जो गुजर रही थीं।
कई बार अपने उसूलों को लेकर वह साथियों और रिश्तेदारों से उलझ भी लेता कई बार अपने उसूलों को लेकर वह साथियों और रिश्तेदारों से उलझ भी लेता
..माँ बच्ची की बात पर गर्वित थी। ..माँ बच्ची की बात पर गर्वित थी।
बगीचा कैसे पूरा साफ़ हो कि घर के आकर्षण में कोई कमी न रहे। बगीचा कैसे पूरा साफ़ हो कि घर के आकर्षण में कोई कमी न रहे।
सुधा फ़ोन पर लपकी, उधर से आवाज आई "सुनो माँ... हम एयरपोर्ट से निकल गए हैं, तुम नाहक ही सुधा फ़ोन पर लपकी, उधर से आवाज आई "सुनो माँ... हम एयरपोर्ट से निकल गए हैं, तुम ना...
पर सरला जानती थी कि सेवा का कोई मोल नहीं होता। पर सरला जानती थी कि सेवा का कोई मोल नहीं होता।
वैसे भी बाजार में बहुत रंग-बिरंगी और सुन्दर गुल्लक आई हैं। वैसे भी बाजार में बहुत रंग-बिरंगी और सुन्दर गुल्लक आई हैं।
फिर सस्ता अनाज मिलने लगेगा, मुफ्त में बिजली, मुफ्त आवास। फिर सस्ता अनाज मिलने लगेगा, मुफ्त में बिजली, मुफ्त आवास।
वे आत्मचिन्तन करने लगीं कि स्वाति की परवरिश में उनसे कहाँ चूक हो रही है। वे आत्मचिन्तन करने लगीं कि स्वाति की परवरिश में उनसे कहाँ चूक हो रही है।
सविता तुम ने ना तो संघर्षों के दिन देखे हैं और ना ही भूख, इसलिए ये बात कह रही हो", "आओ सविता तुम ने ना तो संघर्षों के दिन देखे हैं और ना ही भूख, इसलिए ये बात कह रही हो...