न मै रहूं, न मेरी आरज़ू रहे। बाकी तू रहे, तेरी रजामंदी रहे।
सुनो! मै ये पुराने घर की कहानी सुनाता हूं। सुनो! मै ये पुराने घर की कहानी सुनाता हूं।
आत्म आवेग के साथ खुद की सांसों को ढोते हुए फिर भी मै हूं मेरे साथ..! आत्म आवेग के साथ खुद की सांसों को ढोते हुए फिर भी मै हूं मेरे साथ..!
ऊंगली पकड़कर चलता हूं या कोई मेरी ऊंगली पकड़कर चलाता है, ये जिंदगी है यारों यहां पे कोई चलता है त... ऊंगली पकड़कर चलता हूं या कोई मेरी ऊंगली पकड़कर चलाता है, ये जिंदगी है यारों य...
ये कैसा दौर आ गया, कोई चाह कर भी कोई कुछ न कर पा रहा। ये कैसा दौर आ गया, कोई चाह कर भी कोई कुछ न कर पा रहा।
मैं अब भी उस लकड़ी के घोड़े पर बैठकर उसे मिलने जाता हूं। मैं अब भी उस लकड़ी के घोड़े पर बैठकर उसे मिलने जाता हूं।