गणित विषय की अध्यापिका, जीवन गणित की विद्यार्थी
बन गई उन्हीं आंखों का तारा जिन्हें तुम्हें लाना भी न था गवारा बन गई उन्हीं आंखों का तारा जिन्हें तुम्हें लाना भी न था गवारा
जो निकले तीर तरकश से वो फिर पलटा नहीं करता। जो निकले तीर तरकश से वो फिर पलटा नहीं करता।
सिर्फ़ सपने देखने से किसको क्या हासिल हुआ लक्ष्य पाना है तो उठकर सपनों को साकार कर सिर्फ़ सपने देखने से किसको क्या हासिल हुआ लक्ष्य पाना है तो उठकर सपनों को साका...
मुस्कुरा उठी मैं और मेरे संग आईना भी.. मुस्कुरा उठी मैं और मेरे संग आईना भी..