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हाल बेकस है ऐसा; क्या कहें 'ज़ाहिद ' रोटियां भी छपने लगी हैं इश्तहारों में। हाल बेकस है ऐसा; क्या कहें 'ज़ाहिद ' रोटियां भी छपने लगी हैं इश्तहारों में।
लग्या रंग तेरी मुहब्बत दा मैं अज निखर जाँवाँ। लग्या रंग तेरी मुहब्बत दा मैं अज निखर जाँवाँ।
खुदा का मुन्तख़ब है सारा ज़माना देखो। खुदा का मुन्तख़ब है सारा ज़माना देखो।
दिया जलता रहा राह तकता रहा, वो ना आए तेरा रतजगा हो गया। हमदम तेरा हमराह दुश्मन हुआ, वक़्त बदला तेरा ... दिया जलता रहा राह तकता रहा, वो ना आए तेरा रतजगा हो गया। हमदम तेरा हमराह दुश्मन ह...
क़ासिद के हाथ दे दो ख़त खुला हुआ ऐसा नहीं लिखा है के चर्चा करें कोई। क़ासिद के हाथ दे दो ख़त खुला हुआ ऐसा नहीं लिखा है के चर्चा करें कोई।
दश्त-ओ-सहरा रेत पानी सब का है अपना वजूद शम्स हो माहताब हो सब का है अपना वजूद तू क़ैद में माज़ी की क्... दश्त-ओ-सहरा रेत पानी सब का है अपना वजूद शम्स हो माहताब हो सब का है अपना वजूद तू ...
गए वो दोस्त जो हमराह मेरे हमदम थे, अकेले महफ़िल जमाने का फ़ायदा क्या है। जब बढ़ गए हैं नाखूं उनके ह... गए वो दोस्त जो हमराह मेरे हमदम थे, अकेले महफ़िल जमाने का फ़ायदा क्या है। जब बढ़...
यूँ ही अनवरत चलने से हर चाहें मिल जाती है। यूँ ही अनवरत चलने से हर चाहें मिल जाती है।