I weave rainbows with my words. Simple stories, simple characters that are relatable! Wait, you could be my protagonist or are you already in one of my stories!
कार हॉस्पिटल की ओर रवाना हो रही थी और दो ज़िन्दिगियां जद्दोजहद.... कार हॉस्पिटल की ओर रवाना हो रही थी और दो ज़िन्दिगियां जद्दोजहद....
"देखो, लिटरेचर के स्टूडेंट्स जैसी बातें हम इंजिनीयर्स को करनी नहीं आती। "देखो, लिटरेचर के स्टूडेंट्स जैसी बातें हम इंजिनीयर्स को करनी नहीं आती।
इसीलिए सब की हामी चाहता है और अब सब राज़ी हैं। और अम्मी ने फ़ोन रख दिया। इसीलिए सब की हामी चाहता है और अब सब राज़ी हैं। और अम्मी ने फ़ोन रख दिया।
दिशा की सारी यादें कल शाम बहा दीं समंदर में। बीच पर उसका ख्याल नहीं आया। दिशा की सारी यादें कल शाम बहा दीं समंदर में। बीच पर उसका ख्याल नहीं आया।
"पिछले हफ़्ते इन्हीं के बारे में बात करना चाह रहा था पर समझ नहीं आया कैसे शुरू करूँ। "पिछले हफ़्ते इन्हीं के बारे में बात करना चाह रहा था पर समझ नहीं आया कैसे शुरू कर...
ओए, तुम न कोई मिस लखनऊ नहीं हो, वो तो तुम्हारा चेहरा थोड़ा-थोड़ा जेसिका अल्बा जैसा है ! ओए, तुम न कोई मिस लखनऊ नहीं हो, वो तो तुम्हारा चेहरा थोड़ा-थोड़ा जेसिका अल्बा जैसा...
मैं आपकी फ़िक्र समझ गया भाभी। आप उसके फ्यूचर के बारे में सोच कर परेशान न हों। मैं आपकी फ़िक्र समझ गया भाभी। आप उसके फ्यूचर के बारे में सोच कर परेशान न हों।
रिश्तेदारों से घर खाली होते ही वो अपनी असलियत पर उतर आया। रिश्तेदारों से घर खाली होते ही वो अपनी असलियत पर उतर आया।
"पढ़ाई के बाद नौकरी और फिर शादी - यही होता है न "पढ़ाई के बाद नौकरी और फिर शादी - यही होता है न