तुम्हें सोचना सहज/लिखना कठिन
सुनो ना
अबके आओ तो थोड़ा सा समय मेरे लिये भी लाना
सुनो
तुम्हें भूत भविष्य के बंधन से आज़ाद किया,बस तुम हर पल वर्तमान रहो मेरे...
सोच रही हूँ ...सन्यास ले लूँ तेरी यादों की गृहस्थी से...
#तस्लीम
एहसास की चादर है मुझ पर ,वो दिखता भी नहीं,में बेपर्दा भी नहीं
#तस्लीम
सुनो
ओह हो इश्क़ है,किससे कब से,क्यों है,कैसे हुआ,टिकेगा?
इन सारे सवालों से बेहतर है मेरा मौन,चलो जाओ ख़बर हम तुमको भी न होने देंगे,तुमसे गले मिलेंगे दोस्तों की तरह,ज़ोर से थपकी भी लगाया करंगे,आँखों से लेंगे हर पल बोसे, तुम्हारी खुशबू हवाओं से
#तस्लीम
प्रेम एक सहज प्रक्रिया....प्रेम एक कठिन डगर.....प्रेम एक अबूझ पहेली.....प्रेम एक अनकही कहानी.....
बने रहना प्रेम में वो भी उसके जिसे ख़बर भी नहीं ज्यूँ दूध के दरिया में हो खारा सा पानी