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पुरखों के मकान की चीजें अब उसके साथ होंगी। पुरखों के मकान की चीजें अब उसके साथ होंगी।
साधें भले ही न हो पायी हों लेकिन आज सबके मन की साध पूरी हो गयी थी। साधें भले ही न हो पायी हों लेकिन आज सबके मन की साध पूरी हो गयी थी।
वे तैयार हुए और माला के घर की ओर चल दिए। वे तैयार हुए और माला के घर की ओर चल दिए।
भय की उछलती लहरें मन की दीवारों पर तेज थपेड़े मार रही थीं भय की उछलती लहरें मन की दीवारों पर तेज थपेड़े मार रही थीं