सरल हृदय , निष्कपट , साफगोई पसंद व्यक्तित्व
Share with friendsआजकल तरह तरह के कोट्स बहुत प्रचलित हो रहे हैं जैसे 1. सरकार तो उनकी है मगर सुप्रीम कोर्ट तो हमारा है एक दंगाई 2. जब तक हमारा सुप्रीम कोर्ट है तब तक हम दिल्ली को बंधक बनाकर रखेंगे एक तथाकथित किसान 3. हम रात के बारह बजे भी सुप्रीम कोर्ट खुलवा सकते हैं एक आतंकवादी 4. सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से हम इस सरकार को कोई काम नहीं करने देंगे एक विपक्षी नेता हरिशंकर गोयल "हरि"
सारी उम्र जाली टोपी धारण करते रहे चुनावों के समय मंदिर मंदिर घूमते रहे राम को काल्पनिक बताने वाले राजनेता चुनावों में जनेऊ पहन राम राम करते रहे हरिशंकर गोयल "हरि" 11.9.21
सारी उम्र दौलत के पीछे दौड़ता रहा जीवन के सुखों को पीछे छोड़ता रहा मृग मरीचिका की भांति होते हैं ये सुख कस्तूरी नाभि में थी, संसार में खोजता रहा हरिशंकर गोयल "हरि" 11.9.21
मुक्तक : तर्ज : कोई दीवाना कहता है मिली नजरों से जब नजरें , नजर में आप आ बैठे तेरे दिल से हम अपना दिल , मेरी जाना लगा बैठे जहां जाता हूं संग चलती हो एक साये के जैसे तुम मेरी धड़कन के साजों में , तेरे ही नगमे सजा बैठे हरिशंकर गोयल "हरि" 1.9.21
कसम भी खाते हो , धोखा भी खाते हो हमने तो सुना है कि , भाव भी खाते हो वहां दूर एक कोने में "गम" पड़ा हुआ है देखते हैं कि आप उसे अब कब खाते हो