सुनीता जौहरी...... हिंदी साहित्य में रूचि, कविताएं और कहानियां लिखती हूं।कई सम्मानों से सुसज्जित ।।
फिर से तुमने अपना हाथ छुड़ा लिया। मैंने नहीं छोड़ा। फिर से तुमने अपना हाथ छुड़ा लिया। मैंने नहीं छोड़ा।