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इंसान की कौन सी मजबूरियां हैं जो उसको काम करने के लिए धकेलती है। इंसान की कौन सी मजबूरियां हैं जो उसको काम करने के लिए धकेलती है।
"छोड़ आए हम शहर की वह तंग गलियां। "छोड़ आए हम शहर की वह तंग गलियां।
और उसे पढ़ाई लिखाई का महत्व समझ में आ जाता है। और उसे पढ़ाई लिखाई का महत्व समझ में आ जाता है।
बात की खुशी है कि मुझे मेरी प्यार करने वाली मां मिल गई। सभी की आंखों में खुशी व भावना क बात की खुशी है कि मुझे मेरी प्यार करने वाली मां मिल गई। सभी की आंखों में खुशी व ...
अंजलि को अपने सास-ससुर फूटी आंख भी नहीं सुहाते थे अंजलि को अपने सास-ससुर फूटी आंख भी नहीं सुहाते थे
लक्ष्मी मैं तो तुमको पहचाने नहीं पाई तुम कितना बदल गई हो और तुम्हारी बेटियां कैसी हैं ? लक्ष्मी मैं तो तुमको पहचाने नहीं पाई तुम कितना बदल गई हो और तुम्हारी बेटियां कैस...