लिखती हूं समाज की सच्चाई का आइना। महिलाओं का सम्मान करना सीखिए तभी ये समाज बेहतर बन सकता है।
अपनी जननी मां के लिए मन में थोड़ी भी इज्जत रखते है तो किसी भी महिला को अपशब्द बोलने से पहले अपनी मां का स्मरण कर ले आपके अंदर संस्कार खुद ही आ जायेंगे।नेटवर्किंग के इस जमाने में अगर संपर्क करने का माध्यम... Read more
लिखती हूं समाज की सच्चाई का आइना। महिलाओं का सम्मान करना सीखिए तभी ये समाज बेहतर बन सकता है।
अपनी जननी मां के लिए मन में थोड़ी भी इज्जत रखते है तो किसी भी महिला को अपशब्द बोलने से पहले अपनी मां का स्मरण कर ले आपके अंदर संस्कार खुद ही आ जायेंगे।नेटवर्किंग के इस जमाने में अगर संपर्क करने का माध्यम आसान हुआ है तो इसका मतलब ये नहीं है पुरुषों को अभद्र व्यवहार करने की छूट मिल गई है। किसी भी प्रकार की अश्लीलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मर्यादा में रहे और रहने दे नहीं तो परिणाम अच्छा नहीं होगा। Read less