विदेश यात्रा
विदेश यात्रा
कहते है सच्चे दिल से की गई प्रार्थना
प्रभु शायद सुन ही लेते है
ऐसा ही किस्सा सुनाती हूँ आज
सुनकर जिसे हो जाएंगे हैरान।
बेटा मेरा छोटा सा
शायद 11 या 12 साल
रखता था इक डायरी बैग में
मिली थी किसी मैगी के पैकट में।
लिखे थे उस पर प्रश्न कुछ
उसके उसने जवाब लिखे
गलत सलत अंग्रेजी
पर बात समझ में मुझे आए।
एक प्रश्न उसमें था
विच प्लेस यूँ वांटिड टू विजिट?
उसने लिखा - स्विट्ज़रलैंड
ब्यूटिफुल कंट्री।
एक रिक्वेस्ट प्रभु के नाम
प्लीज गाॅड हेल्प मी
वांट टू सी स्विट्जरलैंड
आईस आईस आईस।
पढ़ा जब मैने ये सब
हैरान मैं इस बात पर हुई
जिस बारे में कभी सोचा नहीं
बच्चे ने ये कैसे लिखी!!
पूछा मैने जब उससे
ये स्विट्ज़रलैंड कहाँ है?
जवाब प्यार था-फौरन...
हम जाएंगे आईस देखने।
मैने पूछा कहाँ पढ़ा?
जवाब - कार्टून में।
मैं सोच हैरान थी
बच्चे ने क्या विश की!
बात आई गई चली गई...
अचानक पता चला
पतिदेव जा रहे हैं इंग्लैंड
हम घूमेंगे स्विट्जरलैंड।
इतनी जल्दी भगवान सुनेंगे
यह तो सोचा भी न था
पर मासूम बच्चे की इच्छा का
ये पूर्ण जुगाड़ प्रभु का था।
वो मैसेज कभी भूल न पाई
जिसने विदेश की सैर कराई
जीवन में पहली बार स्नोफाल देखी
वो भी इंडिया पार देखी।
वो डायरी कभी मैं फैंक पाई
बच्चे की विश ने सैर कराई
भगवान को शायद मैसेज पसंद आया
हम सब को भी फौरेन रिटर्नड बनाया।