इसे प्यार कहते हैं
इसे प्यार कहते हैं
जब परिवार के लिये खाना बनाकर माँ कहती है
आ जाओ, आज सबकी पसंद की चीजें बनायी है
जब बेटा बाप को पानी का गिलास देकर कहता है
आज खांसी ज्यादा आ रही है, डॉक्टर के पास चलें
जब बाप बेटे के कंधे पर हाथ रखकर कहता है
गाड़ी ध्यान से चलाना और पहुँचकर फोन कर देना
जब कोई किसी दोस्त को गले लगाकर कहता है
ग़लती हो गयी यार, अब मुझे माफ़ भी कर दे
जब बेटे को भीगा हुआ देखकर माँ कहती है
थोड़ी देर से नहीं आ सकता था , ये बारिश भी ना
जब कोई किसी अपने की मदद कर कहता है
किसी और चीज़ की जरूरत हो तो बता देना
जब कोई इंसान किसी से ना रूठे और सबको मनाये
और जब किसी की आँख में हमारे लिये आँसू आये
“योगी” इसे प्यार कहते हैं, इसे ही प्यार कहते हैं