Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kashish Verma

Children Stories Tragedy

5.0  

Kashish Verma

Children Stories Tragedy

2050 का वार्तालाप

2050 का वार्तालाप

2 mins
600


एक निराला पक्षी देखा मैंने आज,

बोलता हुआ दौड़ा दौड़ा आया राज।

और मुझे भी न हुआ विश्वास,

वो था शायद इकलौता बाज।


मैंने उतारा अपना ऑक्सीजन मास्क,

और नम आँखों से बताये अपने जज़्बात।

न देख पाओगे तुम कभी वो दृश्य राज,

जो मेरे बचपन में था प्रकृति का मिज़ाज।


रोज़ सुबह पक्षियों की चहचहाने की आवाज़,

से ही होती तो थी दिन की शुरुआत।

पेड़ पौधों के कारण ही जीवों में थे प्राण,

और प्राकृतिक तत्व ही थे हर रोग का इलाज़।


रोज़ ताज़ी हवा में हम करते थे प्राणायाम,

यह नुस्खा ही था हमारी तंदुरुस्ती का राज़।

सर्दी गर्मी के अलावा भी होते थे और मौसम चार,

बसन्त, वर्षा, शरद और हेमंत होते थे जिनके नाम।


बसन्त में पुष्पों की सुगंध, तो वर्षा में जल की फुहार,

शरद में झड़ते थे पत्ते, तो हेमन्त था सर्दी का आगाज़।

प्रत्येक मौसम होता था सबसे अनमोल और खास,

और उगता था इसी धरती में अनोखा अनाज,

जिसका हमारे कारण न ले पाओगे तुम कभी स्वाद।


नहरों और नदियों में मिलता था जल आबाद,

जो सूख चुका है भरपूर कूड़ा डालने के बाद।

यही है तुम्हारे पूर्वजों के काज,

रसायन के पानी में न ले पाओगे वो स्वाद।


यह है तुम्हारे पूर्वजों के कर्मों का दुष्परिणाम,

जो भुगतना पड़ रहा है तुमको आज।

न होता अगर यह आधुनिक निर्माण,

तो शायद न होता तुम्हारा यह हाल।


तुम भी देखते चिड़िया, शेर और बाघ,

और प्रकृति का अनोखा अंदाज़।

माफ़ी के अलावा तो और कुछ नहीं है

माँगने को आज,

जो दी है हमने तुम्हें सौगात,

और किया है तुम्हारा भविष्य बर्बाद।


यदि दिया होता हमने भूत में ध्यान,

तो न कर रहे होते हम यह वार्तालाप।


Rate this content
Log in